
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के स्वतंत्र, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण संचालन के साथ-साथ दीपावली एवं छठ पर्व के अवसर पर जिले में आदर्श आचार संहिता के पालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से समाहरणालय सभागार मे निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में जिला स्तरीय प्रवर्तन एजेंसियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

धनबल और मादक पदार्थ पर कड़ी निगरानी
विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन देने उनके बीच नकद, शराब, मादक पदार्थ, या अन्य वस्तुएं वितरित किए जाने की संभावना रहती है।
साथ ही चुनाव प्रक्रिया में धनबल का दुरुपयोग सबसे बड़ी चुनौती है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए निर्धारित अधिकतम व्यय सीमा 40 लाख रुपये है। इस सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों को परस्पर समन्वय स्थापित कर सतत निगरानी करने का निर्देश दिया गया।
किसी वाहन या व्यक्ति से 10 लाख रुपये से अधिक नकद राशि बरामद होती है तो उसकी तत्काल सूचना आयकर विभाग क्विक रेस्पॉन्स टीम को दी जाए ताकि जब्ती की कार्रवाई की जा सके।
यदि किसी बैंक खाते में एक लाख रुपये से अधिक का संदिग्ध ट्रांजैक्शन पाया जाता है, तो उसकी जानकारी निर्वाचन व्यय कोषांग (Expenditure Cell) को दें।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने रेलवे पुलिस अधीक्षक से समन्वय स्थापित कर रेल परिसर एवं ट्रेनों में अवैध शराब के परिवहन, बिक्री और सेवन की जांच करने का निर्देश दिया।
जिले में चुनावी गतिविधियों की निगरानी हेतु प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन-तीन फ्लाइंग स्क्वाड टीम (FST) तथा तीन-तीन स्थैतिक निगरानी टीम (SST) गठित की गई हैं। इस प्रकार जिले में कुल 33 FST और 33 SST टीमें अलर्ट मोड में सक्रिय हैं।
जिले के सभी 23 चेकपोस्टों पर वाहनों की गहन जांच की जा रही है। चेकपोस्टों पर सीसीटीवी कैमरे, दंडाधिकारी तथा पुलिस बल की तैनाती की गई है।
जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है। इसके लिए प्रशासनिक तत्परता के साथ-साथ आम नागरिकों की सतर्कता और सहयोग भी आवश्यक है। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि, नकद वितरण, शराब या उपहार बांटने जैसी सूचना मिलती है तो तुरंत जिला नियंत्रण कक्ष या निकटतम थाना को सूचित करें।