
संस्कृत साहित्य के विद्वान आचार्य गणेश मिश्र की 94वीं जयंती समारोह प्रधान कार्यालय बालूघाट में आयोजित की गई। कवि शुभनारायण शुभंकर ने कहा कि आचार्य मिश्र से शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन सीखने की भी प्रेरणा मिलती है। मुख्य अतिथि डॉ. फूलगेन पूर्वे ने कहा कि श्री मिश्र की जयंती समारोह का आयोजन उनके बताए मार्ग पर चलने का संदेश है।

आचार्य गणेश मिश्र सेवा समिति के सचिव एवं डी. एन. हाई (+2) स्कूल के प्राचार्य कन्हैया मिश्र ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आचार्य गणेश मिश्र की जयंती मनाना समाज में नई पीढ़ियों को उचित मार्गदर्शन देने का संकेत है। विशिष्ट अतिथि डॉ. अशोक झा ने कहा कि श्री मिश्र की जयंती प्रतिवर्ष पर्व के रूप में मनाया जाना चाहिए।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुज़फ्फरपुर के कवियों एवं कवयित्रीयों के सौजन्य से एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गायक डॉ. पंकज कर्ण ने अपने ग़ज़ल की प्रस्तुति से समारोह की सार्थकता सिद्ध की। कवयित्री सबिता राज के काव्य पाठ से समाज की मनोदशा का सही चित्रण किया गया। इस मौके पर गोपाल फलक, चांदनी समर समेत अन्य कवि ने भी समा बांध दिया।