उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपने x अकाउंट पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताते हुए यह जानकारी साझा की है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एयरपोर्ट के नवनिर्माण हेतु टेंडरिंग कर दिया गया है। जिसमें प्री फैब स्टील स्ट्रक्चर का कार्य अब शुरू होगा।
विदित हो कि मुजफ्फरपुर वासियों की यह बहुप्रतीक्षित मांग थी कि मुजफ्फरपुर से फिर से फ्लाइट की आवाजाही शुरू हो। इसी आलोक में भारत सरकार की उड़ान योजना के तहत इसका सर्वे शुरू हुआ था। सर्वे में इसके जमीन और चहारदीवारी की मापी की गईजिले के विकास में मील का पत्थर
जिले के विकास में मील का पत्थर
बता दें की पताही से फिर से विमान सेवा शुरू करने की दिशा में केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री और मुजफ्फरपुर के सांसद डॉ. राजभूषण चौधरी ने भी एक अहम् भूमिका निभाई। उन्होंने MOU साइन होने और सर्वे शुरू होने पर प्रसन्नता जताई और और कहा कि जिले के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा।
रनवे और मैदान का सर्वे
दिल्ली और पटना से विमानपत्तन के अधिकारियों और वैसे विशेषज्ञों ने हवाई अड्डे का विस्तृत सर्वेक्षण किया जिसमें उन्होंने पाया कि रनवे, टैक्सी-वे और पार्किंग एरिया और चारदीवारी की मरम्मत की जरूरत है। सर्वे टीम ने अमीन की सहायता से भूमि मापी और सीमांकन का कार्य सफलता पूर्वक पूरा किया गया। इसमें विस्तृत नक्शा तैयार किया गया है। जिसमें बताया गया है कि कुल जमीन 101 एकड़ है, जिसमें रनवे 1300 मीटर है जोकि छोटे विमान जैसे कि 19 सीटर विमानों के लिए पर्याप्त है। अब ये सर्वे रिपोर्ट राज्य सरकार, केंद्र सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंपी जाएगी। आपको ये भी बताते चले कि सर्वे के बीच ही चारदीवारी निर्माण के लिए 25 करोड़ का प्राक्कलन बनाकर प्राधिकरण को सौंपने की बात कही गई है।
पताही हवाई अड्डा का इतिहास
पताही हवाईअड्डा पर पूर्व में भी 1967 से विमानों सेवा बहाल थी। जिसे 1982 में बंद कर दिया गया था तब भी छोटे विमान यहां संचालित थे जो मुजफ्फरपुर और पटना के बीच उड़ा करती थी। मुजफ्फरपुर में 1952 में इस हवाई अड्डे का निर्माण कार्य शुरू किया गया था जो कि एक ट्रांजिट प्वाइंट के तौर पर इस्तेमाल के लिए बनाया गया था। 1967 से 1982 तक यहां से विमान सेवा संचालित थी। इसके बाद इसे बंद कर दिया गया था। और बाद के दिनों में यह पशुओं के लिए चारागाह बन गया।