
10 बजे उठ रहा था कूड़ा…लगा रहा जाम।
शहर के मुख्य बाजार सरैयागंज टावर चौक से दिन के 10 बजे कूड़ा उठाया जाता है। और वो चौराहा, जो टावर चौक से तिलक मैदान रोड, सूतापट्टी और जवाहरलाल रोड से जुड़ती है।यह समय लोगों को ऑफिस जाने का होता है, दुकानदारों को अपनी दुकान खोलने और यही समय जब आम जनता खरीददारी के लिए बाजार में होती है। तब ही टीपर और जेसीबी से रास्ते को जाम कर कूड़ा उठाया जाता है।

कूड़ा उठाते समय बगल से गुजर रहे राहगीरों पर भी कूड़ा गिरता है जो बीमारी का घर भी बन सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार बोला गया कि कूड़ा उठाव का समय बदला जाए लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
इसके अलावा अगर पूरे शहर में देखा जाए तो कहीं भी कूड़ा पेटिका नहीं मिलेगी। पूरे शहर में कूड़ा मुख्य सड़कों पर या मुहल्लों के मुहाने की सड़कों पर बिखरे होते हैं। शहरवासियों का कहना है कि घरों से कूड़ा उठाव की कोई निश्चित व्यवस्था नहीं है कूड़ा उठाने वाली गाड़ी ना तो रोज आती है और न ही आने का समय निश्चित है।
जब इस सम्बन्ध में नगर निगम के कूड़ा उठाव प्रभारी कमल किशोर से बात की गई तो उनका कहना था कि शहर में जाम की स्थिति और कूड़ा डंपिंग एरिया शहर से 14 किलोमीटर दूर होने के कारण शहर की सफाई में समय लगता है। इसलिए ये स्थिति बनती है। शहर के दुकानदारों को खुद की कूड़ा पेटिका रखना है लेकिन ये लोग सड़क पर ही कूड़ा फेंकते हैं, जुर्माना भी किया गया लेकिन दुकानदार कूड़ा पेटिका नहीं खरीदते। बावजूद इन सबके नगर निगम कोशिश कर रहा है कि समय से शहर की सफाई हो सके।

कूड़े की समस्या शहर की इतनी बड़ी है कि कूड़ा उठाते समय राहगीरों के शरीर पर कूड़ा गिरता है। लेकिन काम और समय से पहुंचने की आपाधापी में लोग ये सब सहन करते हुए कूड़ा गाड़ी के बगल से निकलते रहते हैं। अब तो नगर निगम के ऊपर है कि इस व्यवस्था से कब तक निजात दिलाएगी।