
संगठन सृजन अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी Ex-Servicemen Department, AICC द्वारा – बिहार पीसीसी के पूर्व सैनिक इकाई का गठन किया गया।
अपने विभिन्न मांगों के लिए पूर्व सैनिकों ने बिहार के पटना में आंदोलन तक किया था और नेता विपक्ष राहुल गांधी की ‘मतदान अधिकार यात्रा’ में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
इससे पहले साल 2023 में अग्निवीर से पीड़ित युवाओं की आवाज़ को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रमुखता से उठाया गया। जिसमें अग्निवीर स्कीम से पीड़ित पेंडिंग भर्ती के युवाओं के लिए जंतर मंतर पर लगातार धरना प्रदर्शन किया गया। इसमें सबसे ज्यादा पीड़ित युवा बिहार के थे। पूर्व सैनिक विभाग कांग्रेस पार्टी द्वारा चेयरमैन कर्नल रोहित चौधरी के नेतृत्व में जय जवान मुहिम को पूरे देश में चलाया गया था, जिसकी लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक राहुल गांधी के मार्गदर्शन में आज भी जारी है।
वर्तमान में सेना में लगभग 11% सर्विंग जवान बिहार से आते हैं और बिहार में ‘सैनिक समाज’ का वोट बैंक, प्रदेश की कुल वोट संख्या का लगभग 8 से 9% है। इतनी बड़ी आबादी के बावजूद अभी तक बिहार में पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है, जो कि केंद्र व बाकी सभी राज्यों में दिया जाता है। पुलिस विभाग की DIAL- 112 सर्विस में कार्यरत लगभग 5 हज़ार से अधिक पूर्व सैनिकों को अपनी मांगो को लेकर 32 दिनों तक आंदोलन करना पड़ा लेकिन नीतीश सरकार ने उनके राजकर्मी या स्थाई होने व इंश्योरेंस देने की मांग को ठुकरा दिया।नीतीश कुमार के पिछले 20 साल के कार्यकाल में पूर्व सैनिकों की अनदेखी की गई है।
सैनिक समाज की मांगों को पूर्ण करने के लिए, कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पूर्व सैनिकों की मांगों को पूरा करने का बीड़ा उठाया है और इन मांगों को अपने मैनिफेस्टो में शामिल किया है।